Tuesday, October 25, 2011

दीवाली



दीवाली का केंद्रीय विषय बुराइयों पर अच्छाई की जीत की है, हमारे भीतर ज्ञान के दीपक प्रकाश को अनुभव के लिए है.

दीपावली के पांच दिन
दीवाली के पहले दिन Dhanvantari Triodasi या Dhanwantari Triodasi कहा जाता है कहा जाता है. दीवाली के दूसरे दिन Narak Chaturdasi कहा जाता है. यह कार्तिक के महीने के अंधेरे forthnight के चौदहवें चंद्र (thithi) दिन और दीवाली की पूर्व संध्या है. इस दिन भगवान कृष्ण दानव Narakasur नष्ट कर दिया और दुनिया के डर से मुक्त कर दिया. दिवाली के तीसरे दिन वास्तविक दीवाली है. इस दिन गणेश जी, माता लक्ष्मी कुबेर जी,सरस्वती माता के लिए पूजा किया जाता है, दीपावली के चौथे दिन पर, गोवर्धन पूजा किया जाता है. दिवाली के पांचवें दिन Bhratri Dooj कहा जाता है. यह एक बहनों को समर्पित दिन है.

भगवान राम वनवास के 14 वर्षों के बाद अपने अयोध्या लौटे, जिसमें उन्होंने लंका के राक्षस रावण जो एक महान पंडित था लेकिन अभी भी मन से बुराई गई नहीं थी इस बुराई पर अच्छाई की जीत के बाद राम अयोध्या लौटे. अयोध्या में, लोग उन्हें मिट्टी के दीपक के प्रकाश पंक्तियों से स्वागत किया. बुराई पर सत्य की जीत का, तो, यह रावण पर राम की विजय के सम्मान में एक अवसर है.

राजा बली और वामन अवतार
राजा बाली और वामन भगवान को भी याद करके लॉग दिवाली पूजा करते है
http://www.youtube.com/watch?v=wlpuMB_U3oY
http://www.youtube.com/watch?v=OMAvT1lDwok&feature=feedu

No comments:

Post a Comment